जल है तो कल है
जल जीवन का है आधार,
इसी से चलता है संसार,
ऑक्सीजन और हाईड्रोजन का,
इसमें संचित भण्डार.
जल प्रकृति का उपहार,
इससे धरती का श्रृंगार,
जीव जंतु व पशु पक्षी,
ये सबका ही है पालनहार.
जल विधि के विधान का अश्त्र ,
इसकी कमी से दुनिया त्रस्त,
जल की कमी सभी को खलती,
सृष्टि इस से फूलती फलती.
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