Wednesday, 24 August 2011





जल है तो कल है 

जल जीवन का है आधार,
इसी से चलता है संसार,
ऑक्सीजन और हाईड्रोजन का,
इसमें संचित भण्डार.


जल प्रकृति का उपहार,
इससे धरती का श्रृंगार,
जीव जंतु व पशु पक्षी,
ये सबका ही है पालनहार.


जल विधि के विधान का अश्त्र ,
इसकी कमी से दुनिया त्रस्त,
जल की कमी सभी को खलती,
सृष्टि इस से फूलती फलती.

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